भोपाल रियासत
भोपाल रियासत वर्तमान मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी है। एक जिले के रूप में भोपाल का गठन 1972 ई. में हुआ, जब दो सीहोर जिले से अलग करके पृथक जिला बनाया गया। भोपाल शब्द की व्युत्पत्ति भोजपाल से मानी जाती है अर्थात इसका नामकरण भोजपाल या भोज बांध से माना जाता है। जिसका निर्माण धार के महान परमार शासक भोज द्वारा कराया गया था।
भोपाल अपने तालों तथा कृत्रिम झीलों के लिए प्रसिद्ध है तथा इसे तालों के शहर के नाम से भी जाना जाता है। भोपाल झील के बारे में एक प्रसिद्ध कहावत है कि “तालों में ताल भोपाल का ताल बाकी सब तलैया”। मध्यकाल में मालवा पर मुगल आक्रमण के दौरान भोपाल रियासत का एक बड़ा क्षेत्र गोंड साम्राज्य को प्रशासनिक इकाई ‘चकला’ के अंतर्गत सम्मिलित था।
गोंड शासक निजाम शाह की मृत्यु के बाद उनकी विधवा रानी कलावती ने एक अफगान सरदार दोस्त मोहम्मद खान के साथ राज्य के प्रशासनिक प्रबंध का समझौता किया आगे चलकर यही दोस्त मोहम्मद खान भोपाल का संस्थापक हुआ। भोपाल अपनी बेगमों के शासन काल के लिए भी प्रसिद्ध रहा है। इन बेगमों को नक बेगम कहा जाता था।
भोपाल रियासत की स्थापना
मध्यकालीन भोपाल रियासत प्रथम श्रेणी की महत्त्वपूर्ण रियासत थी तथा यहाँ के शासक इस्लाम धर्म के अनुयायी यहां के इतिहास में लगभग सौ वर्षों तक का कालखण्ड ऐसा है जहाँ इसकी प्रशासनिक व्यवस्था प्रबंध का समझौता किया आगे चलकर यही दोस्त मोहम्मद खान भोपाल रियाशत का संस्थापक हुआ। भोपाल राज अपनी बेगमों के शासन काल के लिए भी प्रसिद्ध रहा है। इन बेगमों को नक बेगम कहा जाता था।
बागडोर नवाब बेगमों के हाथों में रही जो उच्च राजनीतिज्ञ शासिकाएँ थीं। भोपाल राज्य की स्थापना 1723 ई. में की गई थी थी। भोपाल रियासत का वास्तविक संस्थापक दोस्त मोहम्मद खान था, जो मूलतः अफगानिस्तान का निवासी था। इसके पिता का नाम नूरमोहम्मद खान था। दोग मोहम्मद खान मुगल केन्द्रीय सत्ता के प्रभुत्व के अधीन अपने भाग्य को आजमाने के लिए नौकरी की तलाश में भास आया था। इस समय भारत को मुगल सल्तनत का बादशाह शाह बहादुरशाह प्रथम था
BY Arvind singh kaurav
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