भारत में सदाबहार वन
भारत में सदाबहार वन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिमी घाट में पाए जाते हैं, जो अरब सागर, भारत के समुद्र प्रायद्वीपीय तट और उत्तर पूर्व में असम क्षेत्र में पाए जाते हैं। सदाबहार वन के छोटे अवशेष ओडिशा राज्य में पाए जाते हैं। सदाबहार वनों की तुलना में अर्द्ध-सदाबहार वन अधिक व्यापक है, क्योंकि सदाबहार वन मानवीय हस्तक्षेप से अर्द्धसदाबहार में परिवर्तित हो जाते हैं।
पश्चिमी घाट के ऊष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों को निम्न, मध्यम और उच्च ऊंचाई वाले प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। पश्चिमी घाट मानसून वन, तटीय के पश्चिमी – (घाट) हाशिए पर और कम वर्षा वाले पूर्वी हिस्से में पाए जाते हैं। सदाबहार जंगलों में पेड़ों की प्रजातियों की भारी संख्या होती है।
उत्तर पूर्व भारत की ऊष्णकटिबंधीय वनस्पति (जिसमें असम, नागालैंड, मणिपुर, – मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय के साथ अरूणाचल प्रदेश के मैदानी क्षेत्र शामिल है) आमतौर पर 700 मी. (3000 फीट) तक की ऊंचाई पर पाए जाते हैं, इसमें सदाबहार और अर्द्धसदाबहार वन, नम, पर्णपाती, मानसूनी वन, तटवर्ती वन, दलदल और घास के मैदान शामिल है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन और ऊष्ण- कटिबंधीय अर्द्ध-सदाबहार वन के साथ-साथ ऊष्णकटिबंधीय मानसून वन भी पाए जाते हैं। रोडवुड, (टेराकार्पस डेलबर्मिओइडस) और टर्मिनेलिया इसके उदाहरण हैं।
विशेषताएँ –
• सदाबहार वन भारत के पश्चिमी घाट और पूर्वी हिमालय के कुछ भाग में पाए जाते हैं।
• इस वन में सालाना 200 सेमी. से भी अधिक वर्षा होती है।
• सदाबहार वन भारत के ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में आते हैं।
• यह पश्चिमी घाट गुजरात से दक्षिण में केरल तक फैला हुआ है।
• यह वन अंडमान निकोबार द्वीप समूह के क्षेत्र और लक्षद्वीप के क्षेत्र में भी पाए जाते हैं।
• यह वन पूर्वी हिमालय क्षेत्र में एवं असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय में शिलांग का पठार और बंगाल के कुछ हिस्से जलोट में पाए जाते हैं।
• यह वन काफी घने होते हैं, और एक मौसम लगभग इस वन के पत्ते झरते रहते हैं। इसके अलावा दुनिया के सबसे ऊँचे वृक्ष भी इस वन में पाये जाते हैं। सदाबहार वन में बांस, महोगनी, खड, शीशम आदि पाए जाते है तथा ऐसे जंगलों में पेड़ों की पत्तियां बहुत
By Arvind singh kaurav
Leave a Reply