सूक्ष्म जीव
वे जीव, जिन्हें हम नग्न आंखों से नहीं देख सकते। ऐसे जीवों को देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी यंत्र की आवश्यकता होती है। ऐसे जीवों को सूक्ष्म जीव कहा जाता है।
ये सर्वव्यापी होते हैं, अर्थात् ये मृदा, जल, वायु, हमारे शरीर के अन्दर तथा अन्य प्रकार के प्राणियों व पादपों में पाए जाते हैं।
सूक्ष्म जीवों का अध्ययन सूक्ष्मजैविकी (Microbiology) में किया जाता है। इन जीवों का संसार अत्यन्त विविध है। इन के अन्तर्गत सभी जीवाणु, कवक, शैवाल, प्रोटोजोआ आदि आते हैं। विषाणु सजीव एवं निर्जीव के बीच की कड़ी है, फिर भी सूक्ष्म विज्ञानी विषाणुओं का अध्ययन सूक्ष्म जीवों के अन्तर्गत करते हैं।
सूक्ष्म जीव हानिकारक व लाभदायक दोनों प्रकार के होते हैं। यह जीव मनुष्यों एवं पादपों में कई प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं। कुछ लाभदायक सूक्ष्म जीवों का आर्थिक महत्व होता है और इनका प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। जैसे उद्योग धंधों में चिकित्सा विज्ञान में कृषि विज्ञान में उद्यानिक व अन्य समस्याओं को दूर करने में।
यह जीव हमारे दैनिक क्रियाकलापों के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि इन सूक्ष्म जीवों के बिना मानवी जिदगी बहुत पिछड़ी हुई है मानव के जीवन में जो प्रकाश हुआ है पृथ्वी के वातावरण में सूक्ष्मजीवों केपाए जान से हुआ है। सूक्ष्मजीव मानवजति के आने से पहले ही पृथ्वी के वातावरण में सीख गई थी। इन जीवों के विकास के बाद ही मानवजाति का विकास हो सका है।
मध्य प्रदेश का प्रागैतिहासिक काल के संबंध में यहां क्लिक करें
Leave a Reply